द फॉलोअप डेस्क
बिहार में रेलवे की अवसंरचना और सुविधाओं के विकास के लिए इस साल बजट में बड़ी बढ़ोतरी की गई है। साल 2021 में जहां रेलवे के लिए 5150 करोड़ रुपये का बजट था। वहीं, इस बार यह राशि बढ़कर 10,066 करोड़ रुपये हो गई है। जानकारी हो कि पिछले साल भी बिहार को रेलवे के लिए 10,033 करोड़ रुपये मिले थे। इस दौरान राज्य को 12 वंदे भारत ट्रेनों और 98 अमृत भारत स्टेशनों की सौगात भी मिली है। सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक विकास का रखा गया ध्यान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए रेलवे नेटवर्क को और सुदृढ़ किया जाएगा। इस दौरान राज्य को 2 मेगा पुलों का भी लाभ मिला है। मोकामा में राजेन्द्र सेतु के समानांतर नए रेल पुल का निर्माण अंतिम चरण में है, जिसकी लागत 1471 करोड़ रुपये है। इसके अलावा भागलपुर में विक्रमशिला से नवगछिया के कटरिया रेल स्टेशन तक गंगा नदी पर एक नया पुल बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसकी कुल लागत 2549 करोड़ रुपये होगी।अमृत भारत योजना के तहत होगा विकास
बिहार में 12 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन और 98 स्टेशनों के अमृत भारत योजना के तहत विकास की योजना भी लागू की गई है। इन 12 वंदे भारत ट्रेनों से राज्य के 15 जिले जुड़े हैं और इनका 22 स्थानों पर ठहराव है। पटना-हावड़ा, पटना-रांची और पटना-लखनऊ वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता देशभर में बढ़ रही है। अगले डेढ़ से दो सालों में बिहार के विभिन्न शहरों में 12 से 14 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है। इसके अलावा, दरभंगा से नई दिल्ली तक देश की पहली अमृत भारत ट्रेन पिछले साल शुरू हो चुकी है।
प्रमुख शहरों के बीच चलेगी नमो भारत ट्रेनें
रेल मंत्री ने कहा कि बिहार के प्रमुख शहरों के बीच भी नमो भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे रेल यात्रा और सुविधाओं में सुधार होगा। बताया गया कि इस 10,000 करोड़ रुपये की राशि से राज्य में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। साथ ही यात्रियों को बेहतर रेल सेवा मिल सकेगी।